तरो आवाज भी जरूरो, तरा वाट भी जरूरी चला जवान वाट डालकर अपना फज अदा करिए

 सरक्षा बल को स्थापना वष 1965 म क बाद सशस्त्र सीमा बल क 32 साथ कहासनो हान स सिपाहो बीएन करक अपनो रायफल स लगभग अधिकारी, यनिट क अधिकारी गाजियाबाद। जब-जब दश भारत-पाकिस्तान, भारत-बाग्लादश जवाना न आत्महत्या को, साल मति 28 वष निवासी कनाटका व 236 राउड हवा म फायर किए। यह गलतो करन पर इतन उच्च शिक्षित को आन, बान और शान क ऊपर सोमा को सरक्षा करन, भारत- 2014 क बाद स असम रायफल्स सिपाही एम तस्लोम 30 वष निवासो दबो हइ कठा ह जा ऊपर वाल क हान क बावजद उनको गलतिया पर किसो न चाट पहचान को काशिश तिब्बत सोमा पलिस बल को स्थापना क लगभग 27 कमिया न आत्महत्या महाराष्ट का मौत क घाट उतार दिया असवदनशील रवय का पदशित पदा आज तक काइ माइ का लाल को ह तब-तब दश क वीर जवाना सन 1962 म भारत चीन सोमा को को वष 2020 क पारभ म नक्सल था। भारत सरकार खासकर गह करतो ह। पव समय स अगजा क उठा पान म सफल क्या नहीं हआ। न अपना बलिदान दकर दश को सरक्षा करन क उद्दश्य स ओर पभावित छत्तीसगढ क नारायणपर मत्रालय क लिए एक चितनशील व बनाए कानन आज भी इन बला म सविधा का राना इन बला म हमशाअखडता और उसक नागरिका क सशस्त्र सीमा बल को स्थापना जिल म भारत-तिब्बत सोमा पलिस विचारणीय मद्दा ह। हम इस तरह क अत्यधिक लाग ह। अधिकारिया का हो रहा ह, लकिन किसो जवान न अमल्य जोवन को रक्षा को ह। एक भारत-नपाल, भारत-भटान सोमा जवाना क पति जानवरा जसा सलक सविधाओं क विषय म आज तक |सनिक स उच्च अनशासन व को सरक्षा करन क उद्दश्य स सन पप्प ॥ दश क जवान नजाआ का चनकर णपाणणणाआपण पणपाट भो आत्महत्या को आर जवानों का माग नहा का उस जहा डयटा मजा इमानदारो, वफादारो, उच्च पशिक्षण 1963 इस्वो म कदोय रिजव पलिस ससद आर विधानसभाआ म भजत ह। परित करता आया ह। जवान हो चाह वह खशो-खशो वहा गया। काइ को बनाए रखन अपन वरिष्ठ बल को स्थापना वष 1939 म तथा एक अधिकारो सबस पहल वदो क ससद म उनक इस चितनोय व अधिकारियों का सम्मान दन जस असम रायफल्स को स्थापना भारतभोतर एक इनसान ह। एक मानव ह गभोर मद्द का सलझान को काशिश बनियादी गणों को आला दज को म्यामार सोमा को रक्षा करन क पहल वह वदो क भोतर एक इनसान या आवाज बनकर नता क रूप म दःख का समझा। वाट डालन का यह ह। हर व्यक्ति का अपना आत्म क्या खडा नहीं हआ। जबकि जवान अपक्षा रखो जाती ह। कम उम म उद्दश्य स 1835 म को गइ थी। |भतो हाना, घर स दर रहना, परिवार कदोय रिजव पलिस बल डामा बदहाना चाहिए। सम्मान व स्वाभिमान होता ह। फिर राजनीति म सक्रिय भमिका नहीं को परशानो ओर अत्यधिक दगम नक्सल पभावित छत्तीसगढ इलाक अधिकारो को बात आतो ह अभद निभाता उसको आवाज का ससद म इलाका म तनातो क बोच कततव्य म नक्सलवादिया स निपटना, जम्म बल क एक जवान क उग हान पर मसला का घटनाआ का राक पान म व्यवहार व एस अगजो कानना स काइ नता क्या नहीं उठाता। बड-बड व पारिवारिक दरो क बोच व कश्मीर म आतकवाद स सना क अपनो सविस रायफल स6 साथिया नाकामयाब क्या होत रह ह। कारण, यदि किसी जवान क स्वाभिमान का पास्टरा म क्या लिखा गया ह कि सामजस्यता बठाना, एक मटिक पास साथ कध स कधा मिलाकर काया को खदकशी करत हए मौत क घाट वह इन बला म किसी राज्य सरकार चाट पहचतो ह और वह मत्य को तरो 'आवाज भी जरूरी तरा वाट भी जवान को सिखाया जाता ह। अगर का निवहन बखबो कर रहा ह। उतार दिया था। उन मरन वाल कडर स मात्र 5 साल को पाप्त होता ह तो इसस बडो शम को जरूरी' चला जवान वाट डालकर हम बात कर कदीय सशस्त्र पलिस पिछल कछ दशको को बात कर तो जवाना क दा दजन स ज्यादा परिवार पतिनियक्ति पर आत ह। जब तक बात और क्या हो सकती ह। अपना कततव्य निभाता ह किसक बला क जवाना को जिसम सोमा इन उपराक्त बला क जवाना म पभावित हए होग दसरा उस नक्सल यह इन बला को आतरिक अनशासन को आड म अधिकारी लिए लाकतत्र का मजबत बनान क |सरक्षा बल, भारत-तिब्बत सोमा हत्या-आत्महत्या क मामल दखन पभावित इलाकम कछ हफ्त क बाद व्यवस्थाओं को समझ पात ह। चौथो किस तरह का शोषण कर रहा ह लिए लकिन लोकतत्र को मजबत पलिस बल, सशस्त्र सीमा बल, का ज्यादा मिल ह। कदोय गह कदोय रिजव पलिस बल क एक घटना दिनाक 12 जनवरी को ह क्या? बनान क साथ-साथ उस निवाचन कदोय रिजव पलिस बल, असम मत्रालय क आकडा क अनसार जवान न अपन तोन साथिया का बिहार क किशनगज भारत-नपाल आज तक किसी सरकार न क्षत्र स जा नता चनकर ससद म या रायफल, जा गह मत्रालय भारत पिछल 6 वषा म कदोय बला क गालो मारकर हत्या कर दो। इस बोत सोमा पर तनात सशस्त्र सीमा बल अफसर स पछा कि आप एक मटिक फिर विधानसभा म भजकर जवान सरकार क अधीन काय करत ह। लगभग 700 जवान हत्या आत्महत्या हए कछ दिन हो हए फिर कदोय को 12वो बटालियन को सोमा चोको पास को छोटो सो गलतो होन पर अपनो भमिका निभाता ह। तो फिर यह बल दश क आइपीएस कर चक ह। साल 2001 क बाद आद्यागिक सरक्षा बल को 251 जहा सिपाही अभय कमार न अपन न्यायाधीश बनकर उस पनिश कर आज तक कितन नताआ न इनक अधिकारिया क कमान क अधीन व आइटोबोपो क 62 कमिया न बटालियन उधमपर, जम्म-कश्मीर अधिकारिया क असवदनशील रवय दत हो, लकिन इसक विपरोत जो दख को समझा यह वाट डालन का नियत्रण म काय करत ह। सोमा आत्महत्या को जबकि साल 2013 म सिपाही न अपन साथी जवान क व तनाव स गसित व आक्राशित हा आइपीएस अधिकारो, कमान डामा सवपथम बद होना चाहिए। तरो आवाज भी जरूरो, तरा वाट भी जरूरी चला जवान वाट डालकर अपना फज अदा करिए आज तक कितन नताआ न इनक